How to Safe Cyber Crime In Hind
साइबर क्राइम (Cyber Crime) आज हमारे लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है। हम अपने दैनिक जीवन में इंटरनेट का उपयोग अनुसंधान, वित्तीय लेनदेन, शिक्षा, नौकरी खोज, ऑनलाइन बुकिंग, व्यवसाय, खरीदारी, ब्लॉगिंग और मनोरंजन जैसी चीजों के लिए अपने लैपटॉप, मोबाइल और टैबलेट के माध्यम से करते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि डिजिटलीकरण (Digitization) ने हमारे जीवन को आसान बना दिया है लेकिन दूसरी ओर हमारी गोपनीयता और सुरक्षा को भी खतरा बना हुआ है। स्मार्ट फ़ोन, स्मार्ट टेलीविज़न, स्मार्ट कार और स्मार्ट बाइक की ही तरह आज क्राइम भी स्मार्ट हो चला है और इसे ही हम साइबर क्राइम या स्मार्ट क्राइम के नाम से जानते हैं. साइबर क्राइम को और अच्छी तरह से समझने के लिए हमें इसके विभिन्न रूपों के बारे में पता होना चाहिए. आइये जानते हैं इसके कुछ प्रकार के बारे में.
इस तरह के स्कैम में किसी भावनात्मक संदेश के जरिये व्यक्ति या कंपनी के नाम पर कोई आपसे पैसों की डिमांड कर सकता है. जैसे कि "इस गरीब बच्चे की मदद करें", "आपका योगदान किसी की जिंदगी बदल सकता है", "इस गरीब या कैंसर पीड़ित व्यक्ति की मदद करें" या फिर ऐसे ही किसी मिलते-जुलते संदेशों के जरिये. कभी-कभी ऐसे लोग आपको कुछ प्रलोभन देकर भी अपने जाल में फंसा सकते हैं जैसे कि "बधाई हो! आपने iPhone जीता है", "आपको १ लाख रूपये की इनाम राशि हमारी कंपनी की तरफ से दिया जा रहा है", "आपका मोबाइल नंबर हमारे कंपनी की तरफ से पुरस्कार के लिया चुना गया है" या फिर ऐसे ही किसी संदेशों के द्वारा. इसके बाद वो आपसे आपकी निजी (Personal) या बैंकिंग जानकारी की मांग कर सकते हैं और फिर प्रोसेसिंग फी या पेपर वर्क के नाम पर वो आपसे कुछ पैसों की डिमांड कर सकते हैं.
कभी कभी हैकर्स या स्कैमर आपसे किसी बैंक, संगठन या फिर प्रशिद्ध सोशल मीडिया प्लेटफार्म के नाम से आपके मोबाइल या ईमेल पर फर्जी (Spoof) मैसेज भेज कर आपसे अपना बैंक अकाउंट डिटेल, मोबाइल नंबर या पासवर्ड अपडेट करने को कह सकते हैं. जब आप उनके द्वारा भेजे गए लिंक को ओपन करेंगे तो आपके इंटरनेट ब्राउज़र पर ठीक आपके बैंक, कंपनी या किसी फेमस सोशल नेटवर्किंग प्लेटफार्म जैसा ही पेज ओपन हो जाएगा, जो कि इनके द्वारा ही बनाया गया एक नकली या मिलते जुलते नामों वाला वेबसाइट या पोर्टल होता है. यहाँ पर जैसे ही अपना असली वाला यूजरनेम और पासवर्ड डालेंगे ये आपके लॉगिन डिटेल्स को जान लेंगे और इसके बाद वो आपके बैंक, ईमेल या सोशल मीडिया प्लेटफार्म को हैक कर लेंगे.
कभी-कभी हैकर्स आपके जाने-अन्जाने या फिर उनके द्वारा आपके मोबाइल या कंप्यूटर पर प्रेषित किये गए पॉपअप संदेशों द्वारा (Popup messages) आपको किसी ख़ास सॉफ्टवेयर को इनस्टॉल करने या लिंक को ओपन करने को मजबूर कर सकते हैं. और एक बार आपने किसी ऐसे सॉफ्टवेयर को गलती से इनस्टॉल कर लिया तो फिर आप चौबीस घंटे उनकी निगरानी में आ जाएंगे, और यहाँ तक कि वो आपके मोबाइल, कंप्यूटर या सर्वर से आपकी सारी निजी जानकारी, फोटो-वीडियो और कांटेक्ट डिटेल्स को चुरा लेंगे और फिर इनका दुरूपयोग कर आपको ब्लैकमेल कर सकते हैं.
यह आजकल एक सबसे आम साइबर अपराध है जो अक्सर स्कैमर द्वारा किया जाता है और कई लोग इससे पीड़ित होते हैं. इसमें स्कैमर आपकी निजी (Personal) और वित्तीय (Financial) जानकारी को विभिन्न अलग-अलग वेबसाइट, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या मोबाइल एप्प के जरिये प्राप्त कर लेते हैं और बड़ी-बड़ी बैंकिंग, वित्तीय, स्वास्थ्य, बीमा, सोशल मीडिया या इनसे संबंधित व्यक्तियों को बेच देते हैं. कभी-कभी तो वो आपके नाम से ही कोई फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट या वेबसाइट तक बना लेते हैं, जो आपके लिए आगे चलकर एक बड़ा सिर दर्द साबित हो सकता है.
हैकर्स जब आपकी पहचान को इंटरनेट के विभिन्न माध्यमों द्वारा या अन्य माध्यमों द्वारा चोरी कर लेते हैं तो फिर आपको ब्लैकमेल और परेशान करना शुरू कर देते हैं, इसे ही इंटरनेट की भाषा में साइबरस्टॉकिंग कहा जाता है. वे आपको डराना और धमकाना शुरू कर देते हैं और यहाँ तक कि वो आपके साथ शारीरिक हिंसा, बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराध तक भी कर सकते हैं.
यह एक प्रकार का ऐसा साइबर अपराध है जिसमे कुछ लोग आपसे सीधे एसएमएस, फोन, ईमेल या किसी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये संपर्क कर आपसे आपकी निजी या बैंकिंग से जुड़ी जानकारी को मांगने का प्रयास करते हैं. आमतौर पर ऐसे लोग आपसे ग्राहक सेवा प्रतिनिधि के रूप में या बैंक अधिकारी बनकर आपके डेबिट-क्रेडिट कार्ड या बैंक एकाउंट्स डिटेल्स को जानने की कोशिश करते हैं. ऐसी मामलों में ज्यादातर लड़कियां ही सम्मलित होती हैं जो कि बहुत ही आसानी से किसी को भी अपना शिकार बना सकती हैं.
कभी-कभी किसी दूरस्थ कंप्यूटर (Remote Computer) या सर्वर को फ्रीज (Hang) या डाउन करने के लिए बड़े-बड़े उच्च क्षमता वाले कम्प्यूटर या सर्वर को एक तरह से डिजिटल हथियार के रूप उपयोग किया जाता है और ये एक साथ कई सारे अनुरोधों (Requests) को दूसरे सर्वर पर भेज कर उनको ओवरलोड, डाउन करने या क्रैश करने की कोशिस करते हैं. हैकर्स कई बार तो उन सर्वर्स से डाटा चुराने और उनको नष्ट करने में भी सफल हो जाते हैं. ये समस्या आज कई बड़ी कंपनियों के लिए सिर दर्द बना हुआ है.
यह एक प्रकार का मैलिसियस (Malicious) कंप्यूटर या मोबाइल प्रोग्राम होता है जो कि हैकर्स किसी प्रकार से आपके द्वारा जाने-अनजाने या किसी अन्य सॉफ्टवेयर के साथ आपके मोबाइल में स्पैम मैसेज या लिंक के जरिये इनस्टॉल कर पाने में सफल हो जाते हैं और फिर आपको परेशान करने वाले पॉपअप (Annoying Popup) मैसेज के जरिये या प्रचार (Ads) के रूप में आपके मोबाइल पर फ़्लैश करते रहते हैं. ये चुपके-चुपके बैकग्राउंड में काम करते हुए आपके मोबाइल या कंप्यूटर से सारे डाटा को दूरस्थ सर्वर (Remote Server) पर भेजते रहते हैं. यहाँ तक कि ये इसके जरिये आपके कीबोर्ड एक्टिविटी को भी रिकॉर्ड कर लेते हैं. कभी-कभी तो ये आपके मोबाइल या लैपटॉप के कैमरा को भी बिना आपके अनुमति या जानकारी के ऑन कर देते हैं और वीडियो को रिकॉर्ड कर अपने सर्वर पर ट्रांसफर करते रहते हैं.
यह एक प्रकार का मैलिसियस (Malicious) कंप्यूटर या मोबाइल प्रोग्राम होता है जो कि हैकर्स किसी प्रकार से आपके द्वारा जाने-अनजाने या किसी अन्य सॉफ्टवेयर के साथ आपके मोबाइल में स्पैम मैसेज या लिंक के जरिये इनस्टॉल कर पाने में सफल हो जाते हैं और फिर आपको परेशान करने वाले पॉपअप (Annoying Popup) मैसेज के जरिये या प्रचार (Ads) के रूप में आपके मोबाइल पर फ़्लैश करते रहते हैं. ये चुपके-चुपके बैकग्राउंड में काम करते हुए आपके मोबाइल या कंप्यूटर से सारे डाटा को दूरस्थ सर्वर (Remote Server) पर भेजते रहते हैं. यहाँ तक कि ये इसके जरिये आपके कीबोर्ड एक्टिविटी को भी रिकॉर्ड कर लेते हैं. कभी-कभी तो ये आपके मोबाइल या लैपटॉप के कैमरा को भी बिना आपके अनुमति या जानकारी के ऑन कर देते हैं और वीडियो को रिकॉर्ड कर अपने सर्वर पर ट्रांसफर करते रहते हैं.
रैंसमवेयर एक प्रकार का अत्यंत ही खतरनाक मैलवेयर प्रोग्राम है जो एक बार आपके कंप्यूटर या मोबाइल में इनस्टॉल हो गया तो आपके कंप्यूटर या मोबाइल को लॉक कर देगा और आप इस पर लॉग इन या ओपन नहीं कर पाएंगे. हैकर इसके बदले में आपसे एक बड़ी और मोटी रकम की मांग कर सकते हैं या आपको ब्लैकमेल भी कर सकते हैं. प्रायः विंडोज़ आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम के इस प्रकार के मैलवेयर से ग्रस्त होने की सम्भावना ज्यादा होती है.
- आप हमेशा अपने कंप्यूटर और मोबाइल में नवीनतम अपडेटेड एंटी वायरस जैसे कि क्विक हील, नॉर्टन, कास्परस्की, पांडा, अवास्ट या एवीजी का उपयोग करें.
- इंटरनेट ब्राउज़िंग के लिए हमेशा नए, अपडेटेड और विश्वशनीय इंटरनेट ब्राउज़र जैसे कि गूगल क्रोम, सफारी, इंटरनेट एक्सप्लोरर मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स या ओपेरा आदि का प्रयोग करें.
- विभिन्न साइट और एप्प के लिए अलग-अलग पासवर्ड का प्रयोग करें, एक ही कॉमन पासवर्ड को हर जगह प्रयोग न करें.
- अपने मोबाइल पर आने वाले स्पैम या अनवांछित पॉपअप जैसे कि "बधाई हो! आपने जीता है एक लाख रूपये", "आपके मोबाइल में वायरस हैं, इनको अभी स्कैन करें" जैसे मैसेज को बिलकुल भी ओपन न करें.
- नेट बैंकिंग या फाइनेंस से जुडी किसी साइट को ओपन करने से पहले हमेशा चेक करें कि उनके URL में सबसे पहले HTTPS लगा हो और आपके ब्राउज़र के सबसे ऊपर बायीं और स्थित एड्रेस बार पर कोई वार्निंग मैसेज डिस्प्ले नहीं हो रहा हो, साथ ही साथ ये भी कन्फर्म कर लें कि जो भी साइट या URL आप खोल रहे हैं वो सही और असली हों न कि मिलता जुलता या नकली, उदाहरण के लिए "https://www.facebook.com" (असली) की जगह "http://www.facebook123.com" (नकली).
- किसी भी स्पैम या अनवांछित ईमेल को जिसमे लाटरी, प्राइज, गिफ्ट या डिस्काउंट देने की बात कही गई हो उसे बिलकुल भी ओपन ना करें.
- किसी अन्य के साथ अपने युएसबी पेन ड्राइव और हार्ड ड्राइव को बिलकुल भी शेयर ना करें, अगर करना ही पड़े तो उपयोग करने के पहले उसे अच्छी तरह अपने सिस्टम में इंस्टॉल किये गए एंटी वायरस सॉफ्टवेयर से स्कैन जरूर कर लें.
- हमेशा अपने लिए अच्छी कंपनी का पेन ड्राइव या हार्ड ड्राइव ही डाटा बैकअप के लिए उपयोग में लाएं और उस पर अपने कंप्यूटर और मोबाइल डाटा का नियमित रूप से बैकअप लेते रहें. हो सके तो अत्यंत महत्वपूर्ण डाटा का बैकअप किसी अच्छे एक्सटर्नल HDD या SSD ड्राइव में ही रखें.
- अपने मोबाइल और लैपटॉप को किसी अनजान और ओपन वाई-फाई से बिलकुल भी कनेक्ट न करें.
- अपने पर्सनल मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और एड्रेस को हर किसी से ऑनलाइन या ऑफलाइन कहीं भी शेयर न करें. साथ ही साथ मोबाइल नंबर को किसी रिचार्ज आउटलेट शॉप से रिचार्ज करने की बजाय हमेशा अपने मोबाइल में इनस्टॉल मोबाइल वॉलेट या नेट बैंकिंग से ही रिचार्ज करें